मंगलवार 16 सितंबर 2025 - 23:24
भारतीय विद्वानों की महान विरासत को दुनिया तक पहुँचाना समय की माँग है

हौज़ा/ भारत में सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि, हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन अब्दुल मजीद हकीम इलाही ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय विद्वानों ने सदियों से इस्लाम के स्पष्ट धर्म की सेवा और विद्वानों की विरासत की रक्षा में अद्वितीय बलिदान दिए हैं, और आज समय की माँग है कि इस महान विरासत को नई पीढ़ी और पूरी दुनिया तक पहुँचाया जाए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन अब्दुल मजीद हकीम इलाही ने हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अपने हालिया दौरे के दौरान मीडिया के महत्व और ज़िम्मेदारी पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि सूचना प्रदान करना केवल एक गतिविधि नहीं, बल्कि एक ईश्वरीय मिशन और प्रतिज्ञा है।

दौरा और शुरूआती बैठक

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन हकीम इलाही ने दौरे की शुरुआत में, हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के प्रमुख एजेंसी की गतिविधियों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि एजेंसी वर्तमान में ग्यारह भाषाओं में समाचार प्रकाशित कर रही है और जल्द ही चार और भाषाओं को इसमें शामिल किया जाएगा। इसके बाद, उर्दू, हिंदी और बंगाली भाषाओं के संपादकों ने भी अपनी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि को जानकारी दी।

भारतीय विद्वानों की महान विरासत को दुनिया तक पहुँचाना समय की माँग है

अपने भाषण की शुरुआत करते हुए, सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि ने पवित्र पैगंबर (स) और इमाम जाफ़र सादिक (अ) को उनके जन्म दिवस पर बधाई दी और कहा: "हम आपकी दिन-रात की कड़ी मेहनत के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।"

उन्होंने इमाम जाफ़र सादिक (अ) की एक हदीस बयान की, ""عن الصادق(ع) أنه ذكر كوفة و قال: ستخلو كوفه من المؤمنين و يأزر عنها العلم كما تأزر الحية في جحرها، ثم يظهر العلم ببلدة يقال لها قم  'पवित्र नगर क़ुम से ज्ञान पूरी दुनिया में फैलेगा।' और आप इस हदीस के आदर्श उदाहरण हैं।

मीडिया की भूमिका और ज़िम्मेदारी

सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि ने मीडिया की शक्ति पर ज़ोर देते हुए कहा: "अगर हम किसी उपदेशक से बात करते हैं, तो कुछ सौ लोग सुनते हैं, लेकिन मीडिया के ज़रिए वही बात लाखों-करोड़ों लोगों तक पहुँच सकती है।"

उन्होंने स्पष्ट किया कि आज असली युद्ध एक बौद्धिक और मानसिक युद्ध है जो कभी खत्म नहीं होता। "इस क्षेत्र में वही सफल होगा जो समय पर और ताज़ा जानकारी प्रस्तुत करेगा। अगर हम दूसरों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाते, तो हम हार जाएँगे।"

भारतीय विद्वानों की महान विरासत को दुनिया तक पहुँचाना समय की माँग है

वहाबियत और बौद्धिक आक्रमण

उन्होंने कहा कि वहाबियत ने दुनिया को इस्लाम से परिचित कराने में अग्रणी भूमिका निभाई है, इसलिए ज़रूरी है कि हम पूरी ताकत से इस क्षेत्र में उतरें और दुनिया के सामने इस्लाम की सही छवि पेश करें।

वैश्विक मीडिया एकाधिकार को तोड़ना

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा: "दुनिया को केवल बीबीसी और सीएनएन जैसे स्रोतों से ही समाचार मिलते हैं और उन्हें लगता है कि समाचार केवल वहीं से आते हैं।" हमें इस निर्भरता को तोड़ना होगा और इतना मज़बूत बनना होगा कि लोग हमारी ओर मुड़ें।”

उन्होंने आगे कहा कि सच्चाई की रक्षा करना, विद्वानों की सेवाओं को दुनिया के सामने प्रस्तुत करना और उम्मत को उनकी भूमिका से अवगत कराना हमारा कर्तव्य है।

विद्वानों की बौद्धिक विरासत

वली फ़कीह के प्रतिनिधि ने भारत मे इल्मी सरमाए की ओर इशारा करते हुए कहा: “भारत में शियो की अज़ीम इल्मी सरमाया है, लेकिन हमारी नई पीढ़ी इससे अनभिज्ञ है। एक समय लखनऊ में पचास शिया मुजतहिद मौजूद थे। साहिब जवाहिर ने अपनी पुस्तक जवाहिर अल-कलाम के समर्थन के लिए लखनऊ भेजा था।

भारतीय विद्वानों की महान विरासत को दुनिया तक पहुँचाना समय की माँग है

उन्होंने कहा कि एक मुद्दा, यानी आशूरा की रात हुसैनी ख़ैमे में पानी उपलब्ध था या नहीं? इस विषय पर ढाई सौ किताबें लिखी गई हैं। “हमें यह पूंजी नई पीढ़ी को देनी चाहिए ताकि वे विद्वानों के बलिदानों और शैक्षणिक सेवाओं को जान सकें और उन पर गर्व कर सकें।”

शियो की भूमिका और ज़िम्मेदारी

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत के शियो को ऐसी भूमिका निभानी चाहिए जिससे सरकार को यह समझ आए कि यह समुदाय देश के लिए लाभकारी और देशभक्त है। "व्यवस्था को बाधित करना मना है। हमें अपने विद्वानों का परिचय देना चाहिए और उनकी सेवाओं को उजागर करना चाहिए।"

गुण और संबंध

उन्होंने कहा कि हम जलसों में अमीरुल मोमिनीन (अ) के गुणों का वर्णन तो करते हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि इन गुणों से हमारा क्या संबंध है। "हमें अपने जीवन को इन गुणों से जोड़ने की ज़रूरत है।"

भारतीय विद्वानों की महान विरासत को दुनिया तक पहुँचाना समय की माँग है

मीडिया की आधुनिक ज़रूरतें

सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि ने मीडिया के विकास पर ज़ोर दिया। समाचारों के लिए व्यावहारिक सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि सत्यता पहली शर्त है, भाषा और शैली उत्कृष्ट होनी चाहिए, वेबसाइट मज़बूत और कार्यात्मक होनी चाहिए, मोबाइल एप्लिकेशन, क्लिप और पॉडकास्ट बनाए जाने चाहिए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग हमारी ओर आकर्षित हों।

अंत में, उन्होंने कहा: "हमें भविष्य का दीपक बनना होगा ताकि हम लोगों का मार्गदर्शन कर सकें। बस सच बोलें और दुनिया को इस्लाम का असली चेहरा दिखाएँ।"

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